शेवाकी स्तूप अफ़गानिस्तान में स्थित एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। यह स्तूप क्षेत्र की बौद्ध विरासत का एक महत्वपूर्ण पहलू दर्शाता है। यह अपने उपयोग की अवधि के दौरान मौजूद वास्तुकला और सांस्कृतिक प्रभावों को दर्शाता है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि शेवाकी स्तूप पहली शताब्दी ईस्वी का है। इस समय के दौरान, अफ़गानिस्तान में बौद्ध धर्म का विकास हुआ, विशेष रूप से…
स्तूप
स्तूप एक बौद्ध संरचना है जिसमें अवशेष रखे जाते हैं और इसका उपयोग ध्यान के लिए किया जाता है। वे अक्सर गुंबद के आकार के होते हैं और ज्ञान प्राप्ति के मार्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। स्तूप भारत, नेपाल और थाईलैंड जैसे देशों में महत्वपूर्ण धार्मिक स्मारक हैं
भामला स्तूप
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित भामला स्तूप एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। यह क्षेत्र की समृद्ध बौद्ध विरासत को दर्शाता है। यह स्तूप दूसरी शताब्दी ई.पू. का है, जब इस क्षेत्र में बौद्ध प्रभाव चरम पर था। ऐतिहासिक संदर्भ 2वीं शताब्दी ईसा पूर्व से बौद्ध धर्म भारतीय उपमहाद्वीप में फैल गया। 5वीं शताब्दी के समय तक…
सैदु शरीफ स्तूप
पाकिस्तान की स्वात घाटी में स्थित सैदु शरीफ स्तूप एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल है। यह क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। स्तूप एक बड़े परिसर का हिस्सा है जिसमें कई प्राचीन स्तूप और मठवासी संरचनाएँ शामिल हैं। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सैदु शरीफ स्तूप दूसरी शताब्दी ई. का है। इसे पाकिस्तान के शासक मुहम्मद अली जिन्ना के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।
मंकियाला स्तूप
मनकियाला स्तूप, पाकिस्तान के पंजाब में मनकियाला शहर के पास स्थित है, जो एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्मारक है। यह स्तूप पहली शताब्दी ई. का है। यह क्षेत्र में बौद्ध पूजा और तीर्थयात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में कार्य करता था। ऐतिहासिक संदर्भमनकियाला स्तूप की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में बौद्ध धर्म के शुरुआती चरण के दौरान हुई थी। यह बौद्ध धर्म के इतिहास को दर्शाता है।
चौखंडी स्तूप
चौखंडी स्तूप भारत के सारनाथ के पास स्थित एक प्राचीन बौद्ध संरचना है। यह चौथी शताब्दी ई. का है। यह स्तूप उस स्थान को चिह्नित करता है जहाँ ऐसा माना जाता है कि बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपने पहले शिष्यों से मुलाकात की थी। यह स्थल ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वास्तुकला की विशेषताएँ चौखंडी स्तूप में एक चौकोर आधार है जिसमें…
धमेक स्तूप
धामेक स्तूप भारत के सारनाथ में स्थित एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्मारक है। यह वह स्थान है जहाँ सिद्धार्थ गौतम, जिन्हें बुद्ध के नाम से जाना जाता है, ने 528 ईसा पूर्व के आसपास अपना पहला उपदेश दिया था। यह उपदेश इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों को पेश किया। ऐतिहासिक पृष्ठभूमिधामेक स्तूप का निर्माण 5वीं शताब्दी ई. में हुआ था। यह एक प्राचीन बौद्ध मंदिर है।