खालसी के शिलालेख प्राचीन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये शिलालेख तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के हैं और इन्हें मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक का माना जाता है। अशोक के शासनकाल (लगभग 3-268 ईसा पूर्व) ने भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ को चिह्नित किया, क्योंकि उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया और अपने साम्राज्य में इसके सिद्धांतों का प्रसार किया। ऐतिहासिक संदर्भअशोक…
इतिहास
विक्रमशिला
विक्रमशिला प्राचीन भारत में एक महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्र था। इसकी स्थापना पाल साम्राज्य के एक शक्तिशाली शासक धर्मपाल के शासनकाल के दौरान 783 ई. के आसपास हुई थी। नालंदा के साथ, यह उस समय के दो सबसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक था। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि धर्मपाल ने बौद्ध शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विक्रमशिला की स्थापना की थी। इसका प्राथमिक ध्यान बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार पर था।
मंडागापट्टु तिरुमूर्ति मंदिर
मंडागापट्टू तिरुमूर्ति मंदिर भारत के तमिलनाडु में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। यह क्षेत्र में प्रारंभिक रॉक-कट वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। पल्लव राजवंश के दौरान निर्मित यह मंदिर अपनी सादगी और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि मंडागापट्टू तिरुमूर्ति मंदिर महेंद्रवर्मन प्रथम के शासनकाल के दौरान बनाया गया था, जिन्होंने 1500 ई. में शासन किया था।
अर्सिनोए मारस हिल
अर्सिनोए मारास हिल तुर्की के आधुनिक शहर गाज़ियांटेप में स्थित एक प्राचीन स्थल है। हेलेनिस्टिक काल से ही यह पहाड़ी ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रही है। मिस्र की रानी अर्सिनोए द्वितीय के नाम पर बसा शहर अर्सिनोए, टॉलेमिक राजवंश के शासन के दौरान यहाँ स्थापित किया गया था। शहर को रणनीतिक रूप से पहाड़ी पर रखा गया था, जो…
इंटेफ़ का मकबरा
इंटेफ का मकबरा इंटेफ नामक मिस्र के शासकों के कई दफन स्थलों को संदर्भित करता है। ये शासक 11वें राजवंश का हिस्सा थे, जिसने लगभग 2150-1991 ईसा पूर्व प्रथम मध्यवर्ती काल के दौरान शासन किया था। सबसे उल्लेखनीय कब्रें इंटेफ I, इंटेफ II और इंटेफ III की हैं। प्रत्येक शासक ने मिस्र के पुनर्मिलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे मिस्र के लोगों के बीच एकता स्थापित हुई।
सुपिल्लुलीउमा (पैटिन)
सुपिलुलीउमा I: एक हित्ती राजा का उदयसुपिलुलीउमा I, जिसे सुपिलुलीउमा I (पैट्टिन) के नाम से भी जाना जाता है, ने लगभग 1344 ईसा पूर्व से 1322 ईसा पूर्व तक हित्ती साम्राज्य पर शासन किया। उनके शासनकाल ने हित्ती इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवधि को चिह्नित किया, जिसमें सैन्य विजय, कूटनीतिक युद्धाभ्यास और आंतरिक सुधार शामिल थे। यह ब्लॉग पोस्ट इस राजा के जीवन और उपलब्धियों पर प्रकाश डालता है…